Internet Kaise Kaam Karta Hai : आज के डिजिटल युग में इंटरनेट (Internet) हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। हम गूगल पर सर्च करते हैं.
सोशल मीडिया पर समय बिताते हैं, ऑनलाइन खरीदारी करते हैं और वीडियो देखते हैं – ये सब कुछ इंटरनेट की मदद से संभव होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट वास्तव में कैसे काम करता है?
इस लेख में हम इंटरनेट की मूलभूत संरचना, इसकी कार्यप्रणाली और इसके पीछे की तकनीक को आसान भाषा में समझेंगे।
इंटरनेट एक ग्लोबल नेटवर्क (Global Network) है, जो दुनिया भर के कंप्यूटर, सर्वर और अन्य डिवाइसेस को आपस में जोड़ता है। यह एक सूचना का महासागर है, जहां से आप किसी भी समय कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इंटरनेट को “नेटवर्क्स का नेटवर्क” भी कहा जाता है, क्योंकि यह कई छोटे-बड़े नेटवर्क्स को जोड़कर एक वैश्विक संचार प्रणाली बनाता है।
जब आप इंटरनेट पर कोई वेबपेज खोलते हैं या कोई फाइल डाउनलोड करते हैं, तो डेटा छोटे-छोटे पैकेट्स (Packets) में विभाजित होकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है।
इस प्रक्रिया को पैकेट स्विचिंग (Packet Switching) कहा जाता है।
हर डेटा पैकेट में तीन महत्वपूर्ण चीजें होती हैं:
जब आप किसी वेबसाइट को खोलते हैं, तो आपका ब्राउज़र वेब सर्वर से डेटा पैकेट्स मांगता है, और वे छोटे-छोटे हिस्सों में आपके कंप्यूटर तक पहुंचते हैं।
हर डिवाइस, जो इंटरनेट से जुड़ी होती है, उसका एक यूनिक (Unique) आईपी एड्रेस (IP Address) होता है।
उदाहरण के लिए, Google का एक IP Address: 142.250.182.14 हो सकता है। लेकिन इतने सारे नंबर याद रखना कठिन होता है, इसलिए DNS (Domain Name System) का उपयोग किया जाता है।
जब आप www.google.com टाइप करते हैं, तो DNS सर्वर इसे उसके असली IP Address में बदलकर सही सर्वर से जोड़ता है।
DNS एक “इंटरनेट फोनबुक” की तरह काम करता है, जो वेबसाइट के नाम को उनके असली पते (IP Address) में बदलता है।
जब आप कोई वेबसाइट खोलते हैं, तो आपका ब्राउज़र HTTP (HyperText Transfer Protocol) या HTTPS (Secure HTTP) प्रोटोकॉल का उपयोग करके सर्वर से डेटा लाता है।
जब आप किसी वेबसाइट को ब्राउज़ करते हैं, तो आपका ब्राउज़र वेब सर्वर से HTML, CSS, और JavaScript फाइल्स डाउनलोड करता है और उन्हें वेबपेज के रूप में दिखाता है।
जब आप इंटरनेट का उपयोग करते हैं, तो यह सीधे आपके पास नहीं आता, बल्कि यह इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) के माध्यम से आता है।
जब आप इंटरनेट से जुड़ते हैं, तो आपका ISP आपके डिवाइस को इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ता है और डेटा भेजने-रिसीव करने की अनुमति देता है।
इंटरनेट सर्वर-और-क्लाइंट (Server and Client) मॉडल पर काम करता है।
सर्वर (Server):
क्लाइंट (Client):
उदाहरण:
जब आप www.youtube.com खोलते हैं, तो आपका ब्राउज़र YouTube के सर्वर से कनेक्ट होकर वीडियो डेटा प्राप्त करता है।
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तकनीक | विवरण |
---|---|
IP Address | हर डिवाइस का यूनिक एड्रेस |
DNS (Domain Name System) | वेबसाइट के नाम को IP में बदलता है |
HTTP/HTTPS | वेबपेज लोड करने का प्रोटोकॉल |
ISP (Internet Service Provider) | इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली कंपनी |
Router | डेटा पैकेट्स को सही जगह भेजने वाला डिवाइस |
Cloud Computing | डेटा को ऑनलाइन स्टोर करने की तकनीक |
इंटरनेट डेटा ट्रांसफर, सर्वर-क्लाइंट मॉडल, IP एड्रेस, DNS और HTTP/HTTPS जैसी तकनीकों पर काम करता है।
इंटरनेट के बिना आज की दुनिया असंभव लगती है, क्योंकि यह संचार, शिक्षा, व्यापार और मनोरंजन का प्रमुख स्रोत बन चुका है।
हमें इंटरनेट का सुरक्षित और बुद्धिमानी से उपयोग करना चाहिए, ताकि हम इसके सभी फायदों का लाभ उठा सकें।
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