Psychologist kaise bane : अगर आपको मानसिक स्वास्थ्य, इंसानी व्यवहार और थैरेपी में दिलचस्पी है और आप दूसरों की मदद करना चाहते हैं.
तो साइकोलॉजिस्ट (मनोवैज्ञानिक) बनना आपके लिए एक बेहतरीन करियर ऑप्शन हो सकता है।
इस गाइड में हम आपको बताएंगे:
एक मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ होता है जो लोगों के मानसिक स्वास्थ्य, भावनाओं और व्यवहार को समझने और सुधारने में मदद करता है। यह पेशा थेरेपी, काउंसलिंग और रिसर्च से जुड़ा होता है।
1️⃣ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट – मानसिक बीमारियों का इलाज करते हैं।
2️⃣ काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट – लोगों की निजी समस्याओं में मदद करते हैं।
3️⃣ ऑर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजिस्ट – कंपनियों में कर्मचारियों के व्यवहार का अध्ययन करते हैं।
4️⃣ फॉरेंसिक साइकोलॉजिस्ट – अपराधियों के मानसिक स्वास्थ्य का विश्लेषण करते हैं।
5️⃣ स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट – एथलीट्स के मानसिक प्रदर्शन को सुधारते हैं।
12वीं (किसी भी स्ट्रीम से, लेकिन साइंस/आर्ट्स बेहतर विकल्प है)
बैचलर डिग्री (BA/B.Sc in Psychology)
मास्टर डिग्री (MA/M.Sc in Psychology/Clinical Psychology/Counseling Psychology)
M.Phil/PhD (उन्नत रिसर्च और प्रोफेशनल करियर के लिए आवश्यक)
कम्युनिकेशन स्किल्स
धैर्य और सहानुभूति (Empathy)
एक्टिव लिसनिंग (Active Listening)
रिसर्च और एनालिटिकल स्किल्स
साइकोलॉजी के विभिन्न टूल्स और टेस्ट की जानकारी
| कोर्स का नाम | अवधि | योग्यता |
|---|---|---|
| BA/B.Sc in Psychology | 3 साल | 12वीं पास |
| MA/M.Sc in Psychology | 2 साल | ग्रेजुएशन पास |
| M.Phil in Clinical Psychology | 2 साल | मास्टर डिग्री |
| PhD in Psychology | 3-5 साल | मास्टर डिग्री |
| Diploma in Counselling Psychology | 1 साल | ग्रेजुएशन पास |
टिप: क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए M.Phil और RCI (Rehabilitation Council of India) से लाइसेंस लेना जरूरी है।
| कॉलेज का नाम | स्थान |
|---|---|
| दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) | दिल्ली |
| जामिया मिल्लिया इस्लामिया | दिल्ली |
| अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) | उत्तर प्रदेश |
| बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) | वाराणसी |
| क्राइस्ट यूनिवर्सिटी | बेंगलुरु |
| फर्ग्यूसन कॉलेज | पुणे |
अस्पतालों और क्लीनिक्स में मानसिक बीमारियों का इलाज करना।
₹40,000 – ₹1,00,000 प्रति माह सैलरी।
स्ट्रेस, एंग्जायटी, रिलेशनशिप और लाइफ प्रॉब्लम्स को हल करने में मदद करना।
₹30,000 – ₹80,000 प्रति माह।
कंपनियों में वर्कप्लेस मेंटल हेल्थ पर काम करना।
₹50,000 – ₹1,50,000 प्रति माह।
क्राइम और इन्वेस्टिगेशन में अपराधियों के मानसिक विश्लेषण में मदद करना।
₹40,000 – ₹1,20,000 प्रति माह।
एथलीट्स को मानसिक रूप से मजबूत बनाना।
₹60,000 – ₹2,00,000 प्रति माह।
| अनुभव | अनुमानित सैलरी (प्रति माह) |
|---|---|
| फ्रेशर | ₹25,000 – ₹50,000 |
| 2-5 साल का अनुभव | ₹50,000 – ₹1,00,000 |
| 5+ साल का अनुभव | ₹1,00,000+ |
| फ्रीलांस साइकोलॉजिस्ट | ₹50,000 – ₹2,00,000 (प्रोजेक्ट के हिसाब से) |
टिप: अगर आप खुद का काउंसलिंग सेंटर खोलते हैं, तो आप लाखों कमा सकते हैं।
1: 12वीं पास करें (Arts/Science स्ट्रीम से साइकोलॉजी बेहतर है)।
2: BA/B.Sc in Psychology करें।
3: MA/M.Sc in Psychology करें।
4: M.Phil या PhD करें (क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए आवश्यक)।
5: इंटर्नशिप करें और लाइसेंस प्राप्त करें (RCI से)।
6: जॉब करें या खुद की काउंसलिंग सर्विस शुरू करें।
साइकोलॉजी कोर्स आमतौर पर 3 साल का होता है (B.A./B.Sc.)। इसके बाद, आप 2 साल का मास्टर डिग्री (M.A./M.Sc.) कर सकते हैं और फिर अनुसंधान या डॉक्टोरल प्रोग्राम (Ph.D. या Psy.D.) की ओर बढ़ सकते हैं।
साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए, सबसे पहले आपको साइकोलॉजी में स्नातक (B.A./B.Sc.) डिग्री प्राप्त करनी होती है, फिर मास्टर डिग्री (M.A./M.Sc.) करनी होती है।
इसके बाद, आप विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं।
साइकोलॉजी में मानसिक स्वास्थ्य, व्यवहार, सोचने की प्रक्रियाएं, भावनाओं का अध्ययन, विकासात्मक मनोविज्ञान, मानसिक रोग और दिमागी कार्यप्रणालियों का अध्ययन किया जाता है।
मनोचिकित्सक बनने के लिए, आपको मेडिकल डिग्री (MBBS) प्राप्त करनी होती है, फिर मानसिक स्वास्थ्य में विशेषज्ञता के लिए पोस्टग्रेजुएट ट्रेनिंग (M.D. या D.P.M.) प्राप्त करनी होती है।
साइकोलॉजी के अध्ययन के लिए कुछ प्रमुख किताबें हैं:
साइकेट्रिस्ट बनने के लिए एक चिकित्सा डिग्री (MBBS) प्राप्त करनी होती है, उसके बाद मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण (M.D. Psychiatry या D.P.M.) किया जाता है।
साइकोलॉजी कोर्स को किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से किया जा सकता है। आप स्नातक से लेकर, मास्टर और फिर Ph.D. तक साइकोलॉजी में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
साइकोलॉजिस्ट को हिंदी में ‘मनोवैज्ञानिक’ कहा जाता है।
भारत में साइकोलॉजिस्ट का करियर अच्छा माना जाता है, क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
साइकोलॉजी का दूसरा नाम ‘मनोविज्ञान’ है।
मनोविज्ञान में ‘मानव व्यवहार’ और ‘मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाएं’ महत्वपूर्ण और बुनियादी अध्ययन क्षेत्रों में आते हैं।
12. मनोविज्ञान में करियर कैसे बनाएं?
मनोविज्ञान में करियर बनाने के लिए, आपको पहले स्नातक डिग्री प्राप्त करनी होती है, फिर मास्टर डिग्री और विशेषज्ञता के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना होता है। इसके बाद आप क्लिनिकल साइकोलॉजी, काउंसलिंग, और अन्य क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।
आप साइकोलॉजी को पुस्तकें, ऑनलाइन पाठ्यक्रम और विश्वविद्यालयों से सीख सकते हैं। इसके अलावा, कार्यशालाओं, इंटर्नशिप और वास्तविक जीवन के अनुभव से भी सीख सकते हैं।
साइकेट्रिस्ट को हिंदी में ‘मनोचिकित्सक’ कहा जाता है।
भारत में मनोचिकित्सक की आय अनुभव और स्थान के आधार पर भिन्न होती है। आमतौर पर, एक मनोचिकित्सक की मासिक आय ₹50,000 से ₹1,00,000 तक हो सकती है।
16. Psychology कितने प्रकार के होते हैं?
साइकोलॉजी के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि क्लिनिकल साइकोलॉजी, काउंसलिंग साइकोलॉजी, शैक्षिक मनोविज्ञान, औद्योगिक मनोविज्ञान और शोध मनोविज्ञान।
17. मनोविज्ञान का पिता कौन था?
मनोविज्ञान के पिता के रूप में विल्हेम वुंट (Wilhelm Wundt) को माना जाता है, जिन्होंने 1879 में पहले मनोविज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना की थी।
साइकोलॉजी लड़कियों और लड़कों के मानसिक विकास, व्यवहार और भावनाओं का अध्ययन करती है, जिससे यह समझा जा सकता है कि दोनों लिंगों के बीच मानसिक और शारीरिक अंतर क्या होते हैं।
साइकोलॉजी के अनुसार, प्यार एक जटिल मानसिक और भावनात्मक प्रक्रिया है, जिसमें आकर्षण, विश्वास और सहानुभूति का मिश्रण होता है।
साइकोलॉजी में कई प्रकार की मानसिक बीमारियाँ होती हैं, जैसे कि डिप्रेशन, एंग्जाइटी, सिजोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, और ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD)।
मानसिक रोग से बाहर निकलने के लिए चिकित्सा, थेरेपी, सही दवाइयाँ, और सामाजिक समर्थन की मदद से इलाज किया जाता है। काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करना भी जरूरी होता है।
साइकोलॉजी में अध्ययन किया जाता है मानव व्यवहार, मानसिक प्रक्रियाओं, भावनाओं, मानसिक स्वास्थ्य, और मानसिक रोगों के बारे में।
साइकोलॉजिस्ट बनना एक रिस्पेक्टेबल और इमोशनली सैटिस्फाइंग करियर है। अगर आपको लोगों की मदद करना पसंद है और मानसिक स्वास्थ्य में रुचि है.
तो यह आपके लिए एक बेहतरीन करियर ऑप्शन हो सकता है।
टिप: अगर आप खुद का क्लिनिक या ऑनलाइन काउंसलिंग सर्विस शुरू करते हैं, तो आप बहुत अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
क्या आप साइकोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं? नीचे कमेंट करें और अपने सवाल पूछें!
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