Computer Architecture in Hindi : आज हम सीखने वाले हैं. Computer Structure के बारे, में कंप्यूटर का स्ट्रक्चर कैसे बना होता है
और इस में प्रयोग होने वाले component कौन-कौन से हैं। उनके बारे में विस्तार से इस पोस्ट में जानकारी लेंगे सर्वप्रथम कुछ महत्वपूर्ण स्ट्रक्चर के component हैं.
कंप्यूटर के स्ट्रक्चर में जितने भी मुख्य पार्ट होते हैं. उनके बारे में एक-एक करके जानकारी प्राप्त करते हैं.
Computer को संचालन करने के लिए software और hardware की आवश्यकता होती है. जहां यह दोनों एक दूसरे के साथ काम करने के बाद ही कंप्यूटर वर्क करता है.
यह दोनों एक दूसरे के परीपूरक हैं. क्योंकि इन दोनों में से एक भी यदि खराब हो जाता है. तो दूसरा काम नहीं करेगा। इनमें से यदि hardware को संचालन करना है.
तो इसके लिए software के instruction की आवश्यकता होती है. क्योंकि software ही हार्डवेयर को चलाता है, और बिना हार्डवेयर के सॉफ्टवेयर काम नहीं करता है. तो चलिए अब जानते हैं कंप्यूटर के फंक्शन किस प्रक्रिया से गुजरने के बाद काम करते है.
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Input computer में information लेने का काम करता है. जब हम computer में data को रखते हैं. तो उसके लिए input की आवश्यकता होती है.
Computer में डाटा इनपुट करने के लिए Input Device की मदद ली जाती है. उदाहरण के लिए Mouce, Keyboard आदि कंप्यूटर के मुख्य इनपुट डिवाइस हैं.
जब हम Computer में Data को input करते हैं। उसके बाद computer process और processing करना शुरू कर देता है। यहां processing के दौरान जितना भी input data होता है।
उसे computer अपनी language में convert करता है ,और उसके बाद output देता है। इस दौरान computer में processing का काम CPU का होता है। जहां सभी गुणा, भाग, जोड़ना, घटाना आदि इसी में होता है.
Processing के बाद Instruction अनुसार Computer Calculation काम कर लेता है. तो उसके बाद हमें जो समझमें आता है. उस Language में Computer Output हमें निकाल कर देता है.
Output को देखने के लिए हमारे पास Output Device होने चाहिए। उदाहरण के लिए Computer Screen ले सकते हैं ,और दूसरा Output Device Projector को भी हम ले सकते हैं.
Computer Hardware अंतर्गत Hardware के जितने भी Structure हैं. उनमें से महत्वपूर्ण भाग जिनका काम Computer में सबसे ज्यादा होता है। उनके बारे में नीचे उल्लेख किया गया है.
Keyboard Computer का मुख्य input device है.जिसका काम सबसे ज्यादा typingटाइपिंग करने के लिए किया जाता है. इसके माध्यम से हम computer में data input करने का काम करते हैं, और इससे हम computer को operate कर सकते हैं।
इसमें 1 से लेकर 9 तक digit होते हैं. इसी के साथ इसमें a से लेकर z तक alphabet भी होते हैं, और इसमें कुछ especial button होते हैं।
जैसे Ctrl, Shift, Caps Lock , Tab, Space और Enter आदि और इसी के साथ कुछ Function Button होते हैं. जो F1 से लेकर F12 तक होते हैं. इनका spatial काम करने के लिए प्रयोग होते हैं.
Computer का दूसरा Hardware Structure में Mouse एक input device के रूप में काम करता है. इसको हम pointer device भी कहते हैं. यह एक चूहे के आकार का बना होता है.
इसके विभिन्न प्रकार होते हैं. सामान्य माउस में 3 button और एक scroll button होता है. जहां एक button left side में होता है. दूसरा button right side में होता है और तीसरा button center में होता है, और इसके ऊपर एक scroll करने के लिए scroll button लगाया होता है ।
Computer का main Hardware device इसको Computer का दिल भी कहते हैं क्योंकि यदि यह खराब हो जाए तो पूरा कंप्यूटर संचालन नहीं होगा। कंप्यूटर को instruction देने का काम CPU का होता है. CPU का पूरा रूप Central Processing Unit होता है. यह कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर हिस्से को इंस्ट्रक्शन देने का काम करता हैं.
कंप्यूटर में होने वाले कार्यों को दिखाने के लिए Monitor का प्रयोग होता है. इसको Display भी कह सकते हैं. जब हम कंप्यूटर में Instruction देते हैं तो हम इसके माध्यम से उसको देख सकते हैं. इसी के साथ Computer जब output देता है. तब उसको प्रसारण करने के लिए हमें Monitor को देखना और output को प्राप्त करने के लिए monitor का उपयोग होता है.
CPU के कुछ पाठ हैं जिन्हें मुख्य भागों में बांटा गया है, और इनको विभिन्न Hardware के साथ जोड़कर बनाया गया है. इनके बारे में नीचे प्रत्येक हार्डवेयर के भाग को व्याख्यात्मक रूप से दर्शाया गया है.
Motherboard Computer का मुख्य part है। इसमें विभिन्न Hardware के device जोड़े जाते हैं। जैसे Mouse, Keyboard ,Speaker, Monitor, Printer आदि इसी के साथ इसमें CPU और Processer भी जोड़ा जाता है. जोकि Mother Board के बीचो बीच होता है. इसी के साथ इसमें हम Pen Drive, CD Drive आदि को भी Connect करते हैं. इसमें Computer के सभी Hardware जोड़ते हैं.
Hard Disk Computer के सभी Program और Storage को मैनेज करता है। इसमें Computer का सभी Data होता है. यह Permanent रूप से Program डाटा को Management करता है. कंप्यूटर चाहे चालू हो क्या बंद हो यह Data को परमानेंट स्टोर करके रखता है। शुरू शुरू में इसकी Capacity ज्यादा नहीं होती थी. लेकिन अभी यह TB जैसे कैपेसिटी में उपलब्ध है. हमारे पर्सनल कंप्यूटर में TB तक Hard drive और Hard disk होती है.
Processer कंप्यूटर का मुख्य Part है। इसके माध्यम से ही कंप्यूटर संचालन होता है ,और यह कंप्यूटर को Instruction देने का काम करता है. यह एक Chip के आकार का होता है। इसको हम कंप्यूटर का दिमाग भी कहते हैं.
कंप्यूटर में RAM होती है. जो Motherboard में लगी हुई होती है। यह कंप्यूटर की एक ऐसी Memory है. जिसको हम निकाल सकते हैं, और चेंज भी कर सकते हैं इसका काम कंप्यूटर संचालन होने के बाद शुरू होता है. हम जब Computer में काम करते हैं. तो उस समय यह मेमोरी वर्क करती है. इसमें हम कंप्यूटर के एप्लीकेशन को इंस्टॉल कर सकते हैं. इस को वर्किंग मेमोरी भी कहते हैं. उदाहरण के लिए DDR 1,2,3 बाजार में उपलब्ध है.
इस पोस्ट में हमने कंप्यूटर आर्किटेक्चर के बारे में लिखा जहां कंप्यूटर के विभिन्न हार्डवेयर और सीपीयू के कंपोनेंट और इसी के साथ कंप्यूटर का काम करने की प्रक्रिया कैसे होती है. उसके बारे में इस पोस्ट में जानकारी दी गई है इसमें यदि कुछ छूट गया है. तो उसके लिए आप अपना फीडबैक जरूर दें आने वाली नई पोस्ट के लिए वेबसाइट को सब्सक्राइब करें। धन्यवाद
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